क्या आपको विश्वास है ?
एक हवाई जहाज आसमान की ऊंचाइयों में उड रहा था
कि अचानक अपना संतुलन खोकर इधर उधर लहराने लगा..
सभी यात्री अपनी मृत्यु को समीप जान डर के मारे चीखने चिल्लाने लगे सिवाय एक बच्ची के
जो मुस्कुराते हुए चुपचाप खिलोने से खेल रही थी....
कुछ देर बाद हवाई जहाज सकुशल, सुरक्षित उतरा
और यात्रियों ने राहत की साँस ली..
एक यात्री ने उत्सुकतावश उस बच्ची से पूछा-
"बेटा हम सभी डर के मारे काँप रहे थे
पर तुमको डर नहीं लग रहा था.. ऐसा क्यों ?"
बच्ची ने जवाब दिया- "क्योंकि इस प्लेन के पायलट मेरे पापा हैं..
मैं जानती थी कि वो मुझे कुछ नहीं होने देंगे"
मित्रो, ठीक इसी तरह का विश्वास हमे ईश्वर पर होना चाहिये..
"परिस्थितियाँ चाहे कितनी ही विपरीत हो जाऐं
पर एक ना एक दिन सब ठीक हो जाएगा
एक हवाई जहाज आसमान की ऊंचाइयों में उड रहा था
कि अचानक अपना संतुलन खोकर इधर उधर लहराने लगा..
सभी यात्री अपनी मृत्यु को समीप जान डर के मारे चीखने चिल्लाने लगे सिवाय एक बच्ची के
जो मुस्कुराते हुए चुपचाप खिलोने से खेल रही थी....
कुछ देर बाद हवाई जहाज सकुशल, सुरक्षित उतरा
और यात्रियों ने राहत की साँस ली..
एक यात्री ने उत्सुकतावश उस बच्ची से पूछा-
"बेटा हम सभी डर के मारे काँप रहे थे
पर तुमको डर नहीं लग रहा था.. ऐसा क्यों ?"
बच्ची ने जवाब दिया- "क्योंकि इस प्लेन के पायलट मेरे पापा हैं..
मैं जानती थी कि वो मुझे कुछ नहीं होने देंगे"
मित्रो, ठीक इसी तरह का विश्वास हमे ईश्वर पर होना चाहिये..
"परिस्थितियाँ चाहे कितनी ही विपरीत हो जाऐं
पर एक ना एक दिन सब ठीक हो जाएगा
---------
0 टिप्पणियाँ:
एक टिप्पणी भेजें
आपकी राय हमारे लिए बेहद कीमती है, इस लेख के बारेमे आपकी राय दीजिये