
नई दिल्ली। रेलवे ने आरक्षित, अनारक्षित श्रेणी के टिकटों
के रद्दीकरण के नियमों में परिवर्तन करके यात्रियों पर पैसे और झंझटों का
बोझ बढ़ा दिया है। रेलवे ने एक जुलाई से लागू होने वाली समय सारणी के साथ
टिकट रद्दीकरण के नये नियम जारी किये। हालांकि नए नियमों में परिवार के साथ
या समूह में यात्रा करने वालो के आंशिक प्रतीक्षा सूची वाले टिकट को रद्द
कराने पर राहत दी गई है। रेल यात्रियों का कहना है कि नये नियमों से उन्हें
अनावश्यक झंझट का सामना करना पड़ेगा जबकि रेलवे बोर्ड के प्रवक्ता का कहना
है कि इन परिवर्तनों का उद्देश्य गाड़ियों में प्रतीक्षा सूची कम करना और
दलालों को हतोत्साहित करना है। उन्होंने कहा कि इन कदमों से रेलवे के
कामकाज में आसानी होगी तथा यात्रियों को भी आसानी से सीट सुलभ हो सकेगी।
गाड़ी रवानगी से 48 घंटे तक ही सामान्य रद्दीकरण प्रभार वसूला जाएगा
नये नियमों के अनुसार पहले गाड़ी की रवानगी के समय के 24 घंटे पहले तक मामूली लिपकीय शुल्क काट कर पूरा किराया वापस मिल जाता था जिसे अब काफी महंगा कर दिया गया है। अब गाड़ी की रवानगी से 48 घंटे पहले तक ही सामान्य रद्दीकरण प्रभार वसूला जाएगा जो वातानुकूलित प्रथम श्रेणी में 120 रुपये प्रतियात्री, वातानुकूलित द्वितीय श्रेणी और प्रथम श्रेणी में 100 रुपये प्रति यात्री, वातानुकूलित तृतीय श्रेणी एवं चेयरकार में 90 रुपये प्रतियात्री, शयनयान श्रेणी में 60 रुपये तथा द्वितीय श्रेणी में 30 रुपये प्रतियात्री है। उल्लेखनीय है कि रेल बजट 2013-14 में रद्दीकरण शुल्क में बढ़ोत्तरी की गई थी जो एक अप्रैल से लागू है।
रवानगी के दो घंटे बाद कोई राशि वापस नहीं मिलेगी
गाड़ी की रवानगी के समय से 48 घंटे से छह घंटे पूर्व तक किराये का 25 प्रतिशत तथा रवानगी के समय से छह घंटे पूर्व से रवानगी के दो घंटे बाद तक किराये का 50 प्रतिशत रद्दीकरण शुल्क काट कर बची राशि वापस की जाएगी जबकि रवानगी के दो घंटे बाद कोई राशि वापस नहीं की जाएगी। आरएसी और प्रतीक्षा सूची के टिकट के लिए यह अवधि रवानगी से तीन घंटे तक होगी। हालांकि जिन स्टेशनों पर चालू आरक्षण काउंटर नहीं है वहां से रात नौ से सुबह छह बजे के बीच रवाना होने वाली गाड़ी की दशा में आरक्षण काउंटर खुलने के दो घंटे के अंदर टिकट रद्द कराने पर भी रिफंड राशि मिल सकेगी। पर्वतीय एवं दूर दराज के क्षेत्रों के स्टेशनों के लिए समयसीमा शाम सात बजे से सुबह छह बजे तक रखी गई है।
पहले नियम था कि गाड़ी की रवानगी के 24 घंटे से चार घंटे पहले तक 25 प्रतिशत तथा चार घंटे पहले से रवानगी के तीन घंटे तक 50 प्रतिशत किराया काट कर रिफंड राशि मिल जाती थी। रवानगी के बाद की अवधि पहले 200 किलोमीटर की यात्रा पर तीन घंटे 200 से 500 किलोमीटर तक की यात्रा पर छह घंटे और 500 किलोमीटर से अधिक की यात्रा पर 12 घंटे होती थी। जिसे अब एक समान दो घंटे कर दिया गया है।
समूह में यात्रा करने वालों को राहत
नये नियमों के अनुसार परिवार या समूह में यात्रा के लिये बुकिंग कराने वाले लोगों के टिकट में यदि कुछ बर्थ कन्फर्म हो जाये और कुछ प्रतीक्षा सूची में रह जाये और अगर परिवार या समूह ऐसी दशा में यात्रा नहीं करना चाहे तो टिकट रद्द कराने पर उन्हें सभी कन्फर्म एवं प्रतीक्षा सूची सीटों पर पूरे किराये का रिफंड मिल सकेगा चाहे उनका टिकट सामान्य श्रेणी का हो या तत्काल श्रेणी का। ई-टिकट वालों के लिए भी परिवार या समूह में यात्रा करने वालो के आधे कन्फर्म टिकट रद्द कराने पर पूरे टिकट का पूरा किराया वापस किये जाने की सुविधा दी गई है, लेकिन इसके लिए यात्री को स्टेशन जाकर टिकट चैकिंग स्टाफ से एक सर्टिफिकेट लेना होगा और फिर ऑनलाइन टीडीआर फॉर्म को सर्टिफिकेट के विवरण सहित भरना होगा। कन्फर्म नहीं हो पाने वाले प्रतीक्षा सूची और आरसी श्रेणी के सामान्य तत्काल एवं ई-टिकट श्रेणी टिकटों पर पूर्ववत पूरा रिफंड मिलेगा।
बाढ़, आन्दोलन, हड़ताल, बन्द आदि कारणों से यदि यात्री निर्धारित समय पर काउंटर नहीं पहुंच पाता है तो उसके लिए टीडीआर दाखिल करने के लिए 90 दिन की समयसीमा घटाकर 10 दिन कर दी गई है। इसी तरह यात्रा की तिथि आगे पीछे करने की समयसीमा रवानगी के समय से 24 घंटे पहले से बढ़ाकर 48 घंटे पहले कर दी गई है।
खो गये टिकटों पर कोई रिफंड नहीं
खो गये या कट-फट गये टिकटों के मामले में भी रेलवे में कड़ाई बरती है। खो गये टिकटों पर कोई रिफंड नहीं दिया जाएगा जबकि कटे-फटे या मुड़े-तुड़े टिकटों पर रिफंड मिलेगा बशर्ते उसमें विवरण साफ दिखाई देता हो। आरक्षण चार्ट बनने से पहले कटे-फटे या मुड़े-तुडे़ कन्फर्म और आरएसी टिकटों पर स्टेशन मास्टर डुप्लीकेट टिकट बनायेगा। शयनयान श्रेणी के लिए 50 रुपए एवं अन्य श्रेणी के लिए 100 रुपये प्रति यात्री शुल्क लिया जाएगा। लेकिन प्रतीक्षा सूची वाले टिकटों का डुप्लीकेट टिकट नहीं दिए जाएंगे।
गाड़ी रवानगी से 48 घंटे तक ही सामान्य रद्दीकरण प्रभार वसूला जाएगा
नये नियमों के अनुसार पहले गाड़ी की रवानगी के समय के 24 घंटे पहले तक मामूली लिपकीय शुल्क काट कर पूरा किराया वापस मिल जाता था जिसे अब काफी महंगा कर दिया गया है। अब गाड़ी की रवानगी से 48 घंटे पहले तक ही सामान्य रद्दीकरण प्रभार वसूला जाएगा जो वातानुकूलित प्रथम श्रेणी में 120 रुपये प्रतियात्री, वातानुकूलित द्वितीय श्रेणी और प्रथम श्रेणी में 100 रुपये प्रति यात्री, वातानुकूलित तृतीय श्रेणी एवं चेयरकार में 90 रुपये प्रतियात्री, शयनयान श्रेणी में 60 रुपये तथा द्वितीय श्रेणी में 30 रुपये प्रतियात्री है। उल्लेखनीय है कि रेल बजट 2013-14 में रद्दीकरण शुल्क में बढ़ोत्तरी की गई थी जो एक अप्रैल से लागू है।
रवानगी के दो घंटे बाद कोई राशि वापस नहीं मिलेगी
गाड़ी की रवानगी के समय से 48 घंटे से छह घंटे पूर्व तक किराये का 25 प्रतिशत तथा रवानगी के समय से छह घंटे पूर्व से रवानगी के दो घंटे बाद तक किराये का 50 प्रतिशत रद्दीकरण शुल्क काट कर बची राशि वापस की जाएगी जबकि रवानगी के दो घंटे बाद कोई राशि वापस नहीं की जाएगी। आरएसी और प्रतीक्षा सूची के टिकट के लिए यह अवधि रवानगी से तीन घंटे तक होगी। हालांकि जिन स्टेशनों पर चालू आरक्षण काउंटर नहीं है वहां से रात नौ से सुबह छह बजे के बीच रवाना होने वाली गाड़ी की दशा में आरक्षण काउंटर खुलने के दो घंटे के अंदर टिकट रद्द कराने पर भी रिफंड राशि मिल सकेगी। पर्वतीय एवं दूर दराज के क्षेत्रों के स्टेशनों के लिए समयसीमा शाम सात बजे से सुबह छह बजे तक रखी गई है।
पहले नियम था कि गाड़ी की रवानगी के 24 घंटे से चार घंटे पहले तक 25 प्रतिशत तथा चार घंटे पहले से रवानगी के तीन घंटे तक 50 प्रतिशत किराया काट कर रिफंड राशि मिल जाती थी। रवानगी के बाद की अवधि पहले 200 किलोमीटर की यात्रा पर तीन घंटे 200 से 500 किलोमीटर तक की यात्रा पर छह घंटे और 500 किलोमीटर से अधिक की यात्रा पर 12 घंटे होती थी। जिसे अब एक समान दो घंटे कर दिया गया है।
समूह में यात्रा करने वालों को राहत
नये नियमों के अनुसार परिवार या समूह में यात्रा के लिये बुकिंग कराने वाले लोगों के टिकट में यदि कुछ बर्थ कन्फर्म हो जाये और कुछ प्रतीक्षा सूची में रह जाये और अगर परिवार या समूह ऐसी दशा में यात्रा नहीं करना चाहे तो टिकट रद्द कराने पर उन्हें सभी कन्फर्म एवं प्रतीक्षा सूची सीटों पर पूरे किराये का रिफंड मिल सकेगा चाहे उनका टिकट सामान्य श्रेणी का हो या तत्काल श्रेणी का। ई-टिकट वालों के लिए भी परिवार या समूह में यात्रा करने वालो के आधे कन्फर्म टिकट रद्द कराने पर पूरे टिकट का पूरा किराया वापस किये जाने की सुविधा दी गई है, लेकिन इसके लिए यात्री को स्टेशन जाकर टिकट चैकिंग स्टाफ से एक सर्टिफिकेट लेना होगा और फिर ऑनलाइन टीडीआर फॉर्म को सर्टिफिकेट के विवरण सहित भरना होगा। कन्फर्म नहीं हो पाने वाले प्रतीक्षा सूची और आरसी श्रेणी के सामान्य तत्काल एवं ई-टिकट श्रेणी टिकटों पर पूर्ववत पूरा रिफंड मिलेगा।
बाढ़, आन्दोलन, हड़ताल, बन्द आदि कारणों से यदि यात्री निर्धारित समय पर काउंटर नहीं पहुंच पाता है तो उसके लिए टीडीआर दाखिल करने के लिए 90 दिन की समयसीमा घटाकर 10 दिन कर दी गई है। इसी तरह यात्रा की तिथि आगे पीछे करने की समयसीमा रवानगी के समय से 24 घंटे पहले से बढ़ाकर 48 घंटे पहले कर दी गई है।
खो गये टिकटों पर कोई रिफंड नहीं
खो गये या कट-फट गये टिकटों के मामले में भी रेलवे में कड़ाई बरती है। खो गये टिकटों पर कोई रिफंड नहीं दिया जाएगा जबकि कटे-फटे या मुड़े-तुड़े टिकटों पर रिफंड मिलेगा बशर्ते उसमें विवरण साफ दिखाई देता हो। आरक्षण चार्ट बनने से पहले कटे-फटे या मुड़े-तुडे़ कन्फर्म और आरएसी टिकटों पर स्टेशन मास्टर डुप्लीकेट टिकट बनायेगा। शयनयान श्रेणी के लिए 50 रुपए एवं अन्य श्रेणी के लिए 100 रुपये प्रति यात्री शुल्क लिया जाएगा। लेकिन प्रतीक्षा सूची वाले टिकटों का डुप्लीकेट टिकट नहीं दिए जाएंगे।
0 टिप्पणियाँ:
एक टिप्पणी भेजें
आपकी राय हमारे लिए बेहद कीमती है, इस लेख के बारेमे आपकी राय दीजिये