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16 जुल॰ 2013

साबुन का खाली डिब्बा

यह जापान में प्रबंधन के विद्यार्थियों को पढ़ाया जाने वाला 
बहुत पुराना किस्सा है जिसे 
‘साबुन के खाली डिब्बे का किस्सा’ कहते हैं. 
कई दशक पहले जापान में  एक महिला ने एक दुकान से 
नहाने के साबुन खरीदे। जब उसने उनमें से
 एक साबुन के डिब्बे को खोला तो पाया कि 
उसके अंदर साबुन है ही नहीं। वह खाली डिब्बा था। 
उस महिला ने उत्पादक कंपनी के खिलाफ शिकायत दर्ज़ करायी 
और मुआवजा हासिल किया। 
इस प्रकरण के बाद कंपनी के समक्ष यह पता लगाने की चुनौती थी
 कि आखिर ऐसा कैसे हुआ? वे यह कैसे सुनिश्चित करेंगे 
कि ऐसी घटना दोबारा न हो? 
उस महिला को मुआवज़ा देने के अलावा 
उनकी काफी बदनामी भी हुयी थी।
विस्तृत जांच-पड़ताल के बाद यह पता चला कि
 साबुन की पैकिंग के दौरान एक या दो डिब्बे साबुन पैक हुए बिना 
खाली छूट जाते थे। पैक होने के बाद भरे डिब्बे और खाली डिब्बे में 
पता लगाना बहुत कठिन काम था।
 एक-एक डिब्बे की जांच करना बहुत दुष्कर कार्य था। 
अतः तकनीकी विभाग के प्रमुख को इस समस्या का
 हल ढ़ूढ़ने के लिए कहा गया। उन्होंने एक विस्तृत रिपोर्ट बनायी
 और एक कंप्यूटर आधारित प्रणाली स्थापित करने का 
सुझाव दिया जिसमें एक-एक साबुन का वज़न 
और स्कैन होने की व्यवस्था थी। 
इस प्रणाली की स्थापना में भारी खर्च प्रस्तवित किया गया।

कंपनी प्रबंधन ने उनके प्रस्ताव को ध्यानपूर्वक सुना 
और मशीनरी खरीदने का निर्णय लिया। 
उन्होंने ऐसी मशीन लगा भी ली पर सब कुछ इतनी तेजी से होता था 
कि वे भरसक प्रयास करने के बाद भी 
खाली डिब्बों का पता नहीं लगा पा रहे थे.
तभी वहां मौजूद एक अशिक्षित कर्मचारी बोला -
 "बीच में बोलने के लिए मुझे माफ करें श्रीमान, 
परंतु मैं ऐसा तरीकाबता सकता हूं जिससे यह काम
 बहुत कम खर्च में हो सकता है।"
शुरूआत में कंपनी प्रबंधन को कुछ झिझक हुयी। 
लेकिन उन्होंने उस कर्मचारी की बात को सुना और उसके प्रस्ताव का प्रत्यक्ष रूप से प्रदर्शन देखने का निर्णय लिया। 
अगले दिन वह कर्मचारी एक शक्तिशाली औद्योगिक 
पंखा लेकर आया जिसे उसने कन्वेयर बैल्ट, 
जिस पर से पैक किए हुए साबुन गुजरते थे, 
 के पास एक सही दिशा पर लगा दिया। जैसे ही खाली डिब्बे 
उस बैल्ट पर से गुजरे, हल्के होने के कारण उड़कर 
दूर जा गिरे जबकि भरे हुए डिब्बे आसानी से गुजर गए।
एक जटिल समस्या का इससे आसान समाधान 
और क्या हो सकता है। व्यावहारिक ज्ञान (कॉमन सेंस) 
कभी-कभी ही सामान्य होता है।
इस तरह सभी की मुश्किलें पल भर में आसान हो गयी।
जीवन में भी हमेशा ऐसे मौके आते हैं जब समस्यायों का समाधान 
बड़ा ही आसान होता है लेकिन हम कई तरह के 
कॉम्लेक्स उपायों का उपयोग करते रहते हैं, 
जो हमारी मुश्किलों को सुलझाने के बजाये 
उन्हें और मुश्किल कर देती हैं ।
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